नहीं बरती सावधानी तो कोरोना की भयावह स्थिति से इंकार नहीं : एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया

नई दिल्ली

डॉक्टर रमदीप गुलेरिया (फाइल फोटो)
एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, कंटेनमेंट जोन पर जरूरी है फोकस
नहीं बरती सावधानी तो कोरोना की भयावह स्थिति से इंकार नहीं
भारत जून से जुलाई के बीच कोरोना का पीक देख सकता है

कोरोना वायरस को लेकर अब ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। कोरोना का पीक भले ही भारत में अब तक नहीं आया है लेकिन अब जब लॉकडाउन से बाहर आने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में अलग अलग शहरों के लिए रणनीति बनाने की जरूरत है। साथ ही लोगों को और भी ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। यह कहना है दिल्ली एम्स के निदशेक डॉ. रणदीप गुलेरिया का। इससे पहले भी डॉ. गुलेरिया ने कहा था कि भारत जून से जुलाई के बीच कोरोना का पीक देख सकता है।

शनिवार को डॉ. गुलेरिया ने कहा कि संकरी गलियां, शहरों में छोटे घर या फ्लैट की वजह से ज्यादा लोगों तक वायरस पहुंचने का डर रहता है। इन जगहों पर अगर एक भी संक्रमित मरीज घूमता है तो वह कई लोगों को वायरस दे सकता है।
उन्होंने कहा कि देश के बड़े शहरों में 70 से 80 फीसदी तक केस सामने आ रहे हैं। यहां की समस्याएं बाकी हिस्सों से अलग हैं। यहां झुग्गी के अलावा कॉमन टॉयलेट इत्यादि हैं। घनी आबादी के चलते इन शहरों वायरस का खतरा ज्यादा है। अलग अलग समाधान तलाशने की आवश्यकता है जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग, चेहरे पर मास्क लगाना और बार बार हाथ धोने की आदत जरूरी है।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि जिस फेस में अब भारत पहुंच रहा है उसमें ज्यादा सतर्कता जरूरी है। ऑफिस, मॉल भी खुलने वाले हैं। ऐसे में केस भी बढ़ेंगे और अस्पतालों में बिस्तर भी भरने लगेंगे। ऐसे में हर व्यक्ति की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो आने वाला दौर भयावह हो सकता है।

एम्स में स्वास्थ्य कर्मचारी बाहर से संक्रमित होकर आ रहे
एम्स निदेशक ने कहा कि कोरोना की चपेट में आ रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों की देखरेख करना बहुत जरूरी है। हालांकि एम्स में 206 में से तीन या चार लोग ही कोविड उपचार में शामिल थे। बाकी स्वास्थ्य कर्मचारी समाज के बाकी लोगों की तरह बाहर से संक्त्रस्मित होकर अस्पताल आ रहे हैं। नॉन कोविड क्षेत्रों में लापरवाही करने से इस तरह की चुनौती देखने को मिल रही है।

हर किसी को संक्रमित समझते हुए करें बचाव
डॉ. गुलेरिया का कहना है कि जिन लोगों में लक्षण नहीं मिल रहे हैं उनकी पहचान करना बहुत मुश्किल है। इसलिए सभी लोगों को बिना लक्षण वाला कोरोना संक्रमित मरीज समझते हुए सतर्कता बरतें। तभी अपना और परिवार की सुरक्षा कर सकते हैं। फिर चाहे वह घर में हो या फिर ऑफिस में।

 

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